Not known Details About best hindi story
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एक दिन की बात है रितेश को स्कूल के लिए देरी हो रही थी। वह घास नहीं ला सका, और स्कूल चला गया। जब स्कूल से आया तो खरगोश अपने घर में नहीं था। रितेश ने खूब ढूंढा परंतु कहीं नहीं मिला। सब लोगों से पूछा मगर खरगोश कहीं भी नहीं मिला।
is usually a persuasive exploration of the cultural dichotomies as well as evolving landscape of among the list of oldest and many revered metropolitan areas in India.
Graphic: Courtesy Amazon This is a critically acclaimed satirical Hindi novel prepared by Shrilal Shukla and posted in 1968. This Hindi fiction e-book provides a scathing critique of the socio-political landscape of rural India. Set within the fictional city of Shivpalganj, the narrative unfolds through the eyes of your protagonist, Ranganath, a younger guy who returns to his ancestral village to Get well from an ailment.
आज उसने अपना कवच नहीं पहना था। जिसके कारण काफी चोट जोर से लग रही थी।
सिंहराज उसके लिए शिकार करता और भोजन ला कर देता।
फिर भी आपने उसको अपने हाथ से बचाया। आप ऐसा क्यों कर रहे थे ?
बहुत-से लोग यहाँ-वहाँ सिर लटकाए बैठे थे जैसे किसी का मातम करने आए हों। कुछ लोग अपनी पोटलियाँ खोलकर खाना खा रहे थे। दो-एक व्यक्ति पगड़ियाँ सिर के नीचे रखकर कम्पाउंड के बाहर सड़क के किनारे बिखर गए थे। छोले-कुलचे वाले का रोज़गार गर्म था, और कमेटी के नल मोहन राकेश
मोरल – अधिक शरारत और दूसरों को तंग करने की आदत सदैव आफत get more info बन जाती है।
वह गाय इतनी प्यारी थी, मोती को देखकर बहुत खुश हो जाती ।
विशाल रोता-रोता वापस तालाब में गया और कवच को पहन लिया। कम से कम कवच से जान तो बचती है।
अगले दिन दूसरे भाई ने सावित्री को अपने सफ़ेद मैले कपडे धोने के लिए भेजा और जानबूझकर उसे साबुन नहीं दिया। तालाब पर पहुंच कर सावित्री रोने लगी। तभी वहां से एक सारस निकला और रोती हुई सावित्री को देख कर उसकी मदद के लिए रुक गया। सरस कपड़ों पर लोटने लगा जिस से कपडे दूध जैसे सफ़ेद हो गए। सावित्री ख़ुशी ख़ुशी कपडे ले कर घर चली गई।
The book also has factual information about the advantages of these sorts of homes and the components Utilized in …
मम्मी ने उन दोस्तों को धन्यवाद किया और उन्हें ढेर सारे आम खिलाएं। वेद जब ठीक हुआ तो उसे दोस्त का महत्व समझ में आ गया था। अब वह उनके साथ खेलता और खूब आम खाता था।
एक दिन की बात है, वेद को खेलते खेलते चोट लग गई। वेद के दोस्तों ने वेद को उठाकर घर पहुंचाया और उसकी मम्मी से उसके चोट लगने की बात बताई, इस पर वेद को मालिश किया गया।